PAD is not shame, It’s Natural… Accept it naturally.

दो दिन पहले वुडीज़ में पिज़ा खाके घर लौटे। घर के पास पहूंचते ही बीवी को पेड़ लाना याद आया। हम दोनों बात कर रहे थे की एक आंटी हमारे पास आई। बीवीने पेड़ का सेम्पल देते हुए “ये वाला पेड़ लेके आना” कहा। आंटी पेड़ देखते ही दूर चली गई और में पेड़ का सेम्पल लेके दुकान।
दूकानदार को सेम्पल दिखाकर “ये वाला” पेड़ मेने माँगा। दुकानदारने पेड़ लिया और एक कागज में लपेटने लगा। मैंने कहा “कागज में मत लपेटो। ऐसे ही दे दो।” फिर भी उसने कागज में अच्छे से लपेटा और मुझे दिया। मेने कागज दूर किया और कहा, “इसमें छुपानेवाला क्या है!” पैसे दिए और वापस घर जा रहा था और मन में ख्याल आया की हम “लोग पेड़ से इतना शरमाते क्यों है!?”
PAD is not shame, It’s Natural… Accept it naturally.
ये पोस्ट सिर्फ उन युवा लड़को के लिए जो समाज में सच में बदलाव चाहते है।
जय भारत
युवा भारत