निकली है तो दूर तलक जानी चाहिएं
नाचीझ मुसाफिर (गणपत पंचाल) निकली है तो दूर तलक जानी चाहिएं तेरी आवाज़ वहा समज आनी चाहिएं सिर्फ भोपू की तरह चिल्लाने से क्या होंगा हर दिलो में गीत सी गुनगुनानी चाहिएं करवा-ए-भिम चलने...
વાંચવાની, લખવાની, બોલવાની
नाचीझ मुसाफिर (गणपत पंचाल) निकली है तो दूर तलक जानी चाहिएं तेरी आवाज़ वहा समज आनी चाहिएं सिर्फ भोपू की तरह चिल्लाने से क्या होंगा हर दिलो में गीत सी गुनगुनानी चाहिएं करवा-ए-भिम चलने...