ભાગ ૩ : જાગ ઓબીસી જાગ

ઓબીસી વિરોધી માં-બેટાને જાણ
તારીખ : ૮ ઓગષ્ટ ૨૦૨૧
कई दलों को मिलाकर बनी जनता पार्टी सरकार ने 1978 मंडल आयोग गठित किया, जिसके अध्यक्ष बने बीपी मंडल.
मंडल आयोग ने दिन रात एक कर काम करना शुरू किया. 1980 में OBC आरक्षण के जनक बीपी मंडल ने मंडल आयोग की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी.
पहले माँ बाद में बेटे ने मंडल आयोग को लागू होने नही दिया. हम बात कर रहे हैं इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की दोनों ने 10 साल तक रिपोर्ट को लागू नही किया.
10 साल बाद 7 अगस्त 1990 मसीह वीपी सिंह ने 27% OBC आरक्षण लागू किया.
राह आसान नही थी मामला सुप्रीम कोर्ट में गया लेकिन दो साल बाद क्रीमी लेयर की बंदिश लगाकर OBC आरक्षण लागू कर दिया गया.
अभी भी खुश होने की जरूरत नही है. मंडल आयोग की सभी सिफारिशों को लागू नही किया गया है. OBC के लिए प्रोमोशन में आरक्षण की मांग लंबित है.
27% OBC आरक्षण के बावजूद आज भी सरकारी नौकरियों में केवल 12% OBC पदों को भरा गया है. OBC आरक्षण के 60% पद आज भी खाली हैं या उन स्थानों पर जनरल को बिठाया गया है.
आखरी बात OBC आरक्षण में सबसे बड़ा योगदान बीपी मंडल और वीपी सिंह का है इसमें कोई दो राय नही. लेकिन अन्य OBC SC ST नेताओं ने भी OBC आरक्षण के लिए मुखर होकर लड़े. मंडल आयोग के विरोध में केवल बीजेपी और कांग्रेस थी.
मुलायम सिंह यादव, रामविलास पासवान, शरद यादव, लालू प्रसाद यादव, जॉर्ज फ़र्नान्डिस और मान्यवर कांशीराम OBC आरक्षण के लिए काफी लंबे समय से आवाज उठा रहे थे.
मान्यवर कांशीराम ने मंडल आयोग को लागू कराने के लिए नारा दिया था “मंडल आयोग लागू करो या कुर्सी खाली करो”.
Kranti Kumar
નોંધ : ઓબીસીની ઘોર ખોદવામાં, બરબાદ કરવામાં, પછાત રાખવામાં, સવર્ણ હિંદુ પાર્ટી કોંગ્રેસનો સિંહ ફાળો છે. ભારતની આઝાદી પછીનો કોંગ્રેસ શાસનનો ઈતિહાસ તપાસો. તમારા ઓબીસી મિત્રો સુધી આ મેસેજ પહોંચાડો.